Mansi savita

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लेखनी प्रतियोगिता -26-Dec-2022

ए हसीन लम्हा गुजारा जो पल था
याद न रहा अपनी गलतियां तुमको
मुझे दगा बाज कह खुद को 
मुरझाए फूलों सा सींच लिया
कांटो सा चुभ गई मैं ,तुमने ऐसे
झूठ बोल किसी और के संग
रह लिया 
हालात छिपाए मुझे परखना चाहा
हालात के न किस्से बताए कहानी 
का खत्म किया
और वापस आकर मुझको ही 
फिर से मुझको तोड़ दिया 
मैं न गलत थी ना राह गलत
रहो खुश मैं अपने में खुश हूं
कुछ बन के तुमको दिखाओंगी
नाम से पहचान बना फिर एक 
बार मिलने आऊंगी
दगेबाज नही थी आगे रिश्ते न निभ पाएंगे 
तब बात समझ आ जाएंगी।।

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4 Comments

Renu

27-Dec-2022 09:55 PM

👍👍🌺

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Muskan khan

27-Dec-2022 09:39 PM

Nice

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Alka jain

27-Dec-2022 12:21 AM

शानदार

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